जानिए बर्ड फ्लू के क्या हैं लक्षण और कैसे खुद को रखें सुरक्षित?




नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच बर्ड फ्लू (Bird Flu) के कारण लोगों में दहशत है। कई राज्य इसकी चपेट में आ चुके हैं और लोगों ने चिकन और अंडा खाना छोड़ भी दिया है। केरल में तो इसे राजकीय आपदा घोषित किया जा चुका है। वास्तव में बर्ड फ्लू को जानने समझने की दरकार है, डरने की बजाय इसके उपचार को लेकर उचित जानकारी रखनी जरूरी है। अच्छी बात ये कि बर्ड फ्लू यानी एवियन इंफ्लूएंजा (Avian Influenza) का मेडिकल इलाज संभव है। अगर समय रहते मरीज चिकित्सक के पास पहुंच जाता है तो उसे आसानी से बचाया जा सकता है।

सबसे पहले जानते हैं कि अगर किसी शख्स को बर्ड फ्लू हो जाता है तो उसमें क्या लक्षण पाये जा सकते हैं? बर्ड फ्लू के लक्षण बहुत हद तक कोरोना वायरस के लक्षणों से मेल खाते हैं। बीमार व्यक्ति को बुखार आता है, खांसी, गले में जलन, मांसपेशियों में दर्द, उल्टियां होती हैं, इसके अलावा निमोनिया के लक्षण भी आ सकते हैं। इनमें से कई लक्षण या फिर कुछेक लक्षण ही देखने को मिल सकता है।

मरीज में बर्ड फ्लू की बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर पॉलीमिरेज चेन रिएक्शन (Polymerase Chain Reaction - PCR) टेस्ट करते हैं। जांच रिपोर्ट में पता चलता है कि मरीज के शरीर में बर्ड फ्लू के वायरस का न्यूक्लिक एसिड है या नहीं? किसी इंसान के शरीर में बर्ड फ्लू के अलग अलग वायरस हो सकते हैं। ये H5N1 या फिर H7N9 वायरस के तौर पर शरीर में मौजूद रह सकता है। वायरस का पता मरीज के ब्लड टेस्ट से होता है।

1.  सही समय पर इलाज नहीं होने से क्या दिक्कते होंगी?


बर्ड फ्लू के मरीज का सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो उसे गंभीर समस्याओं का सामना करना होगा। मसलन सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS), पेट में तेज दर्द, फेफड़ों की खराबी, एंक्जायटी, मानसिक हालत खराब होना, सीजर, किसी खास अंग का काम करना बंद होना। सही इलाज नहीं मिले तो मरीज की मौत तक हो सकती है।

बर्ड फ्लू वायरस से पीड़ित व्यक्ति के इलाज में चिकित्सक एंटीवायरल ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। बर्ड फ्लू के खिलाफ चर्चित दवाओं में शामिल है ओसेल्टामिविर (Oseltamivir), पेरामिविर (Peramivir) और जानामिविर (Zanamivir), जानामिविर (Zanamivir), रिलेंजा (Relenza)।

2.  बर्ड फ्लू से कैसे खुद को बचाएं?

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। खुद को और समाज को पक्षियों से दूर रखना जरूरी होता है। बर्ड फ्लू का वायरस पक्षियों के थूक, स्वैब, मल में होता है। लिहाजा संक्रमित इलाकों में जाने से परहेज करें। बर्ड फ्लू का वायरस इंसानों के आंखों, नाक या मुंह के जरिए प्रवेश कर सकता है। खतरनाक बात ये कि बर्ड फ्लू का वायरस हवा के साथ भी फैलता है।

बर्ड फ्लू की स्थिति में चिकन या फिर अंडा खाने से परहेज करें तो बेहतर है। अगर बाजार में चिकन उपल्बध है और सरकार की तरफ से कोई बंदिश नहीं है तो चिकन या फिर अंडा अच्छी तरह पकाकर खायें। वैसे भी पोल्ट्री उत्पाद कम पके खाने से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। खासकर पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है।

Comments