भारत बायोटेक से विवाद पर अदार पूनावाला की सफाई, बोले- 'सभी देशों में वैक्सीन के निर्यात की अनुमति है'







कोवैक्सीन की मंजूरी पर उद्योग के विशेषज्ञों और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए हैं. तीसरे चरण के परीक्षण डाटा मौजूद नहीं होने पर चिंता जताई है, जिस पर भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा कि 200 प्रतिशत ईमानदारी के साथ क्लीनिकल ट्रायल किये गए' फिर भी 'आलोचना' की जा रही है.


    नई दिल्ली: भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को मंजूरी देने के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने भारत बायोटेक के विवाद पर ट्वीट किया है. पूनावाला ने कहा है कि मार्केट में भ्रम की स्थिति है. भारत बायोटेक के संबंध में किसी भी गलत जानकारी पर सफाई देने के लिए ज्वाइंट पब्लिक स्टेटमेंट दिया जाएगा. पूनावाला ने ट्वीट में लिखा, "मैं दो बात स्पष्ट करना चाहता हूं, क्योंकि मार्केट में भ्रम की स्थिति है. सभी देशों को वैक्सीन के निर्यात की अनुमति है और भारत बायोटेक के संबंध में कोई भी गलत जानकारी फैलने पर ज्वाइंट पब्लिक स्टेटमेंट दिया जाएगा."


भारत बायोटेक ने टीके की मंजूरी की आलोचना खारिज की

    हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने कोविड-19 के टीके को डीसीजीआई द्वारा आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने की आलोचनाओं को सोमवार को खारिज कर दिया. कंपनी ने कहा कि इसका सुरक्षित एवं प्रभावी टीका उत्पादन का रिकॉर्ड रहा है और इसके सभी डाटा पारदर्शी हैं. कोवैक्सीन की मंजूरी पर उद्योग के विशेषज्ञों और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए हैं और तीसरे चरण के परीक्षण डाटा मौजूद नहीं होने पर चिंता जताई है, जिस पर भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा '200 प्रतिशत ईमानदारी के साथ क्लीनिकल ट्रायल किये गए' फिर भी 'आलोचना' की जा रही है.


    उन्होंने कहा कि पर्याप्त डाटा का पहले ही खुलासा कर दिया गया है और लोगों के लिए यह ऑनलाइन मौजूद है. उन्होंने सुझाव दिए कि टीके को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है कि यह एक भारतीय कंपनी का उत्पाद है. कोवैक्सीन मेडिकल जरूरतों को पूरा करता है और इसने शानदार सुरक्षा डाटा सृजित किया है और इसकी रोग प्रतिरोधी क्षमता ठोस है.


    इल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण की प्रभाविता संबंधी डाटा मार्च तक उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा, ''हम 200 फीसदी ईमानदारी से क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमारी आलोचना हो रही है.'' उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से कमतर नहीं है.

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