आज से कोरोना की नई गाइडलाइन्स जारी,कोरोना पर बरती जाएगी सख्ती
आपको बता दे कोरोना की नयी गाइडलाइन लागू होने जा रही हैं साथ ही कुछ और नियम भी बदल रहे हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना की रोकथाम के लिए 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक की गाइडलाइन जारी की है।
देश में कोरोना के बढ़ते मामले एक चिंता का विषय बना हुआ है। कोरोना संक्रमितों के कुल मामले 94 लाख के पर पहुंच चुका हैं।
इसको फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार समेत प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस बीच कोरोना को लेकर 1 दिसंबर से कुछ खास बदलाव होने जा रहे हैं।
आज यानी एक दिसंबर से पूरे देश में कोरोना की नई गाइडलाइंस लागू कर दी गई हैं। नई गाइडलाइंस के तहत कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वहां नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। आपको बता दे कि गृह मंत्रालय ने एक दिसंबर के लिए 'निगरानी, रोकथाम और सावधानी' दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सभी संक्रमित लोगों की एक सूची बनाई जाएगी और उनके संपर्क में जो आया होगा, उसे क्वारंटीन किया जाएगा। संक्रमण के मामलों में 14 दिनों तक निगरानी रखनी होगी और मरीज के संपर्क में आने वाले 80 फीसदी लोगों का 72 घंटे में पता लगाया जाएगा।
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक, राज्यों को कड़ाई से कोरोना संक्रमण के रोकथाम के उपायों को लागू करने, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कहा गया है। इस बार सरकार का ज्यादा फोकस भीड़ को नियंत्रित करने का है।
जानकारी के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना पर रोकथाम के लिए SOPs और कोविड-19 उपयुक्त बर्ताव, सावधानी और भीड़ को काबू में रखने को सख्त तौर पर लागू करने को कहा है।
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को जिला प्रशासन ने माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन को ध्यान से निर्धारित करने को कहा है। इन कंटेनमेंट जोन में केवल अनिवार्य कामों की इजाजत होगी।
1 दिसंबर से रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सुविधा 24 घंटे और सातों दिन उपलब्ध रहेगी। यानी ग्राहक RTGS के जरिए साल के 365 दिन कभी भी पैसों का लेनदेन कर सकेंगे।
अभी RTGS सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है।
कोरोना काल के बाद रेलवे अपनी सेवाओं को सामान्य करने में जुटा है। स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अब 1 दिसंबर से भी कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू होने जा रहा है।
इनमें शामिल हैं झेलम एक्सप्रेस और पंजाब मेल। दोनों ट्रेनों को सामान्य श्रेणी के तहत चलाया जा रहा है। 01077/78 पुणे-जम्मूतवी पुणे झेलम स्पेशल और 02137/38 मुम्बई फिरोजपुर पंजाब मेल स्पेशल प्रतिदिन चलेगी।
कन्टेनमेंट जोन के बाहर कुछ गतिविधियों को सशर्त अनुमति के अलावा सभी गतिविधियों की अनुमति दी गई है। इसमें सिनेमा हॉल और थिएटरों को बैठने की 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दी गई है।
साथ ही सामाजिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक जमावड़े की स्थिति में एक हॉल में अधिकतम 50 फीसदी क्षमता के साथ 200 लोगों तक की अनुमति। स्थिति के आधार पर राज्य सरकारें बंद स्थानों में लोगों की संख्या 100 तक सीमित कर सकती हैं।राज्यों के भीतर या बाहर आने-जाने या सामान ढुलाई में किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं होगी। लोगों के आवाजाही के लिए अलग से परमिट या अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी।कोरोना मरीजों को शर्तें पूरी करने पर तुरंत घर पर आइसोलेट करने और उनकी चिकित्सकीय देखभाल की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना के संबंध में उपयुक्त व्यवहार को लेकर भी लोगों को जागरुक करना होगा। भीड़ वाले स्थानों, बाजारों, हाट और सार्वजनिक परिवहन में उचित दूरी के निर्देशों का पालन करना होगा।
रोकथाम की रणनीति में निगरानी, अन्य उपायों पर ध्यान होना चाहिए। केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू की पाबंदी लगाने का प्रावधान।
कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों को मंजूरी मिलेगी और इसके दायरे में लोगों की आवाजाही पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। केवल आपात चिकित्सा जरूरतों और आवश्यक सामान और सेवा की आपूर्ति बनाए रखने को मंजूरी होगी।
संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य टीम घर-घर का सर्वे करेंगी। संक्रमित लोगों की निगरानी की जाएगी और उनके संपर्क में आए लोगों की सूची बनाई जाएगी। कंटेनमेंट जोन में सिर्फ आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी गई है। स्थानीय जिला, पुलिस और नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित कंटेनमेंट उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए और राज्य / केन्द्रशासित प्रदेश सरकार संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे।
कंटेनमेंट जोन से बाहर किसी भी प्रकार का स्थानीय लॉकडाउन लागू करने के पहले राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को केंद्र से अनुमति लेनी होगी।सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले के लिए राज्य सरकारों को पूरी छूट दे दी है। अब राज्य सरकारों के ऊपर है कि वो अपने यहां कोरोना मामलों के हिसाब से नाइट कर्फ्यू लगाएंगे या नहीं। नाइट कर्फ्यू का वक्त भी अब राज्य सरकारें ही तय करेंगी।
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